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रविवार, 11 दिसंबर 2022

रिश्ते - नाते

 

RISHTE NAATE IN HINDI - EK NAI DISHA 2022

हम सभी ने ये बात सुनी होगी कि एक पुरुष की कामयाबी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। वो महिला उसकी माँबहनपत्नीदोस्त या फिर टीचर हो सकती है। पर क्या आपने कभी ये कभी सुना है कि किसी महिला की कामयाबी के पीछे किसी पुरुष का हाथ है, नहीं ना ! मैंने भी नहीं सुना है। यहाँ तक कि  ये बात किसी मैग्जीन या न्यूजपेपर में भी नहीं पढ़ी। जब एक महिला  सफल होती  है तो उसका पूरा श्रेय हम उसी महिला की मेहनत, लगन प्रतिभा को  देते हैं। उसकी सफलता के पीछे किसी पुरुष का हाथ हो सकता है, ऐसी बात हमारे दिलों -दिमाग में कोने-कोने तक कही आती ही नहीं है। ना ही हम सभी ये जानना चाहते हैं।

 

जबकि बचपन से एक शक्ति हम सभी महिलाओं का साथ निभाते चली आई है। उसके  भी कई रूप है- पिता ,भाई ,दोस्त या फिर पति। ये शक्तियाँ निरन्तर सुरक्षा की दीवार बनकर सदा हमारा साथ निभाती आई हैं। हर पल हमारा ख्याल रखती हैं, चाहे कैसी भी मुश्किल क्यों ना हो ? पहले उसे इस मजबूत दीवार से टकराना होता है, उसके बाद ही वह हमारे तक सकती हैं। 

 

हम सभी अपनी माँ से बेहद प्रेम करते हैं और हमारी माँ भी हम पर अपनी ममता दिन रात लुटाती रहती है। हमने कभी भी अपनी माँ को खुद के लिए कड़क लहजे में पेश आते नहीं देखा ,कभी माँ से डांट नहीं खाई। कितनी अच्छी और लविंग होती है ये माँ। माँ के व्यवहार को हम ममता का नाम देते हैं। पर जब पिता की बात होती है तो सभी यही कहते है कि पिता हमें प्यार नहीं करते, हमेशा डांटते रहते है। हमारे हर काम में पुलिस की तरह पूछ -ताछ करते हैं। पर एक पिता की कीमत वही शख्स समझ सकता है , जो इस अमूल्य दौलत से महरूम है। 

सोमवार, 28 नवंबर 2022

कर्त्तव्य-निष्ठा

 

KARTAVYANITHA IN HINDI - EK NAI DISHA 2022

क्या हमारे कर्म हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करते है  ? ये तो मुझे नहीं पता , पर इतना जरूर जानती हूँ कि हम जैसा कर्म करते है हमारी  पहचान भी वैसी ही बनती चली जाती है। हमारे बुजुर्गों ने ये बात तो 16 आने सही कही है कि व्यक्ति केवल दो तरह के कार्यों को करके ही ज्यादा नाम काम सकता है या तो उसके  कर्म बहुत अच्छे हों या फिर बहुत ही बुरे। अब तो हमें खुद से ही निर्णय लेना है कि हम  किस पंक्ति में खड़े होना चाहते हैं। हम जब  भी कोई कार्य  करते है तो पहला प्रश्न उठता है कि ये किसका बेटा /बेटी है  और कौन इनके माता पिता होंगे। जब भी हम किसी के प्रति गलत व्यवहारों को अपनाते है तो प्रश्न हमारे माता - पिता के संस्कारों पर उठता है और लोग ये सोचने के लिए मजबूर हो जाते है उनके माता पिता भी इसी प्रवृति के होंगे , जिससे उनका बच्चा ऐसा है।

 

सभी माता -पिता अपने बच्चे को वो सुख-सुविधाएं और अच्छे संस्कार देना चाहते हैं जिनको वो  खुद भी अपने  बचपन में नहीं पा सके। जितना उनके सामर्थ्य में होता है, जितना अच्छा जीवन  वो दे सकते है, वो उसे   अपने बच्चे को देने की कोशिश करते है। तो हमारा भी ये फर्ज बनता है कि अपने जन्मदाता के नजरों को कभी झुकने ना दें। हमारा कर्म ऐसा हो कि सभी हमारे माता पिता के दिए संस्कारो पर गर्व करें और हमारे व्यक्तित्व से प्रेरणा लें। हमारे माता पिता भी हर जन्म में हमें अपने औलाद के रूप में देखना चाहें।

 

दुनियाँ में एक बच्चे के लिए अपने पिता से धनी और माँ से भला चाहने वाला कोई शख्स नहीं होता। सब नजरिये का फर्क है। कभी -कभी हमें लगता है कि हमारे पिता हमें प्यार नहीं करते, हमें हमें आये दिन कुछ   कुछ  सुनाते  रहते है। पर पिता के डांट में उनके जीवन में मुश्किल हालात में सामना करने का तजुर्बा छिपा होता है जिनको हमें बस समझने की जरुरत है और माँ की गोद दुनिया की जन्नत से कम नहीं होती है जहाँ सर रखते ही सारे  दुःख -दर्द छूमंतर हो जाते है। ये प्यार का ऐसा नजराना है  ,जो हमें उस ईश्वर की  ऒर से बिन  मांगे मिलता है।

सोमवार, 24 अक्तूबर 2022

शुभ दीपावली !

 

HAPPY DIWALI - EK NAI DISHA


'एक नई दिशाकी ओर से आप सभी को 'दीपावली पर्व2022 की हार्दिक शुभकामनायें !


#दीपावली
#HappyDeepavali
#Ek_Nai_Disha

Image:Google

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

कृष्णा-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !

 

HAPPY JANAMASTAMI 2022 - EK NAI DISHA


'एक नई दिशा' की ओर से आप सभी को कृष्णा-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !

ॐ जय श्री कृष्णा !


#KrishnaJanmashtami


Image:EK_NAI_DISHA_2022

सोमवार, 15 अगस्त 2022

स्वतंत्रता दिवस 2022 की शुभकामनाएँ !

 

HAPPY INDEPENDENCE DAY 2022 - EK NAI DISHA

'एक नई दिशाकी ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस 2022 की हार्दिक शुभकामनाएँ  !


#IndiaAt76

#indiaIndependenceday

#स्वतंत्रतादिवस



Image:Ek_Nai_Disha_2022

रविवार, 29 मई 2022

आईना

 

AAINA IN HINDI - EK NAI DISHA

क्या आप सभी अपने बारे में जानते हैं ? क्या आप ये बता सकते हैं अपनी सच्चाई कि हम क्या हैं और आप अपने जीवन में क्या कर रहें हैं और आपका जीवन किस  दिशा में जा रहा है ? आपकी अपनी सोच, अपनी अभिलाषा, जीने का मकसद, और ऐसा सभी कुछ !

आप में से कुछ लोग कहेंगे- बेशक ! हम अपने बारे में सब कुछ जानते हैं, जीवन का मकसद भी और उद्देश्य भी। पर शायद नहीं। हम अपने बारे में कुछ भी नहीं जानते। बस एक रेस में लगे हैं, हम सभी - एक दूसरे को पीछे करने की रेस में और इस प्रतिस्पर्धा में हम ये भूल ही जाते हैं कि हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है ? क्या कभी आप ने इस विषय पर मनन-चिन्तन किया ? 

नहीं ना ! 

आप कर भी नहीं पायेंगे, क्योंकि हम सभी ने एक दिखाने का मुखौटा पहन रखा है और इस मुखौटे को उतारने से डरते हैं। आपने कभी आईना देखा है, वो कभी भी झूठ नहीं बोलता । शायद यही वजह है कि लोगों के चेहरे की वो सादगी कहीं खो सी गई है ?

सभी के चेहरे रंगे होते हैं। सभी ने अपने चेहरे को मुखौटों से ढँक कर रखा है- खुद से दूर। बोलते हैं कि आईने में खुद को उसी झूठ के रंग में रंग लेते हैं। पर आप उस अपने चेहरे से शायद खुद ही अन्जान हैं। 

क्या आप सभी को अपना बचपन याद है ? वो बचपन, जो सभी बात में बेफिक्र था। वो बचपन, जो हमने अपने दोस्तों, भाई-बहनों, साथियों के साथ जीया- ना साफ-गन्दे कपड़ों की सुध, न खाने-पीने की सुध, ना ही किसी डाँट-डपट की चिन्ता और ना ही बोली-भाषा का दिखावटी मुखौटा। ना ऊँच-नीच का फर्क। ना अहम् ना अहंकार। मिट्टी लगे पाँव व मैले चेहरे । 

पर हमने शायद ही बचपन में आईना कभी देखा होगा। कभी जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि हम जैसे थे, वैसे ही अच्छे थे। सादगी भरे सच्चे चेहरे। हम सभी बेहद सन्तुष्ट थे, खुश थे। पर आज क्या हम खुश हैं, सन्तुष्ट हैं, निडर हैं।