हर इन्सान में एक विशेष गुण होते हैं, कुछ उनसे परिचित होते हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने भीतर के गुणों से एकदम अनजान होते हैं। अगर उन गुणों की पहचान कर उनको निखार दिया जाये, तो वो गुण उन्हें उन्नति और प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचा जाते हैं।
हर व्यक्ति की एक अलग विशेषता होती है। कोई दयालु होता है तो कोई निर्भीक और कोई किसी की मदद कर खुद में संतुष्टी का अनुभव करता है, तो किसी में अथाह धैर्य होता है।
इस समय जब चारों ओर एक भयावह वातावरण है, नकारात्मकता फैली हुई है, ऐसे में हमें एक-दूसरे को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने की प्रेरणा प्रस्तुत करनी चाहिए ना कि किसी की कमियों को दिखाकर उसकी निंदा कर, उसे दुःखी करना चाहिए।
किसी व्यक्ति में कमी निकालना, उस पर तंज कसना बहुत आसान होता है और कुछ लोगों की आदत में ये शामिल भी हो चुका है, पर मैं आप सभी से एक बात कहना चाहूँगी कि जब भी हम किसी की कमी को उजागर करते हैं या किसी की निन्दा करते हैं, तो हमारे चारों तरफ एक अन्जाना नकारात्मक वातावरण व्याप्त हो जाता है और हमारा मन भी अशान्ति व तनाव से भर जाता है।
हम सभी के साथ ऐसा होता है, हर इन्सान जन्म लेता है और जन्म के साथ ही निरन्तर सीखने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और सीखना वृद्धावस्था तक जारी रहती है। हमें हर पल कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। ये हम पर निर्भर करता है कि हम जीवन को सुन्दर बनाने योग्य बातें मन में धारण कर मन व जीवन को सुन्दर बना लें या फिर कुविचारों को आमंत्रण दें, जो हमारे जीवन को व्यर्थ बना देते हैं। जो विचार दूसरों को खुशी दें, ऐसे विचार अपने मन को शीतल बनाते ही हैं, साथ ही साथ आस-पास के वातावरण में रहने वाले लोगों को भी।
सच ही किसी ने कहा है कि हमारा मन हमारा प्रतिबिम्ब होता है। हमें थोड़ा समय अपने मनरूपी प्रतिबिम्ब में अपने-आप को जरूर देखना चाहिए कि हमने क्या अच्छा किया और क्या बुरा किया ? क्या सार्थक किया और क्या निरर्थक ? कहीं हमारा जीवन व्यर्थ तो नहीं जा रहा। हम अपने पीछे बीते दिनों को याद कर कहीं अपना आने वाला कल तो नहीं बिगाड़ रहे ?
बार-बार पीछे की बातों को याद कर बीती गलतियों को सोच-सोच कर मन को परेशान कर हम अपने आप को दोषी ठहराते रहते हैं और ‘हम अभी भी जीवन में आगे कुछ अच्छा कर सकते हैं’ ऐसा सुन्दर विचार को मन में आने ही नहीं देते। ऐसे दूषित विचार से हमारा आज तो खराब होता ही है, हमारा आने वाला कल भी बिगड़ने की कगार पर आ जाता है।
तो मैं आप सभी से यही कहना चाहती हूँ कि पुरानी बीती बातों से पछतायें नहीं, बल्कि कुछ सार्थक रास्ता ढूँढें। क्योंकि हर क्षण कीमती होता है और उसे यूँ ही बर्बाद नहीं करना चाहिए।
आइये, एक छोटी कहानी के माध्यम से सुन्दर सीख लेते हैं।