रविवार, 25 अप्रैल 2021
नव-सृजन
शनिवार, 10 अप्रैल 2021
मेरी रसोई से-4
जय माता दी !
आप सभी जानते हैं कि नवरात्री शुरु होने वाली है और हम सभी व्रत करते ही हैं पर वही पुराने नाश्ते व खाने से, जो प्रायः हम व्रत-त्यौहारों में बनाते हैं, हम खा-खा कर बोर हो जाते हैं। तो आज मैं आप सभी के लिए लेकर आयी हूँ बिल्कुल नया व चटपटा फलाहारी नाश्ता, जिसे आप खाकर इतना पसन्द करेंगे कि रोज ही बनाना चाहेंगे। तो आइए शुरु करते हैं, और अगर आपको पसन्द आए तो आप अपना फीडबैक जरुर दें।
फलाहारी डोसा
सामग्री-
1. डोसा बनाने के लिए
ऽ 1 कप समा चावल
ऽ 1/4 कप साबूदाना मीडियम साईज
2. फिलिंग के लिए
ऽ 2 उबले आलू मैस किये हुए
ऽ सेंधा नमक स्वादानुसार
ऽ जीरा 1 चम्मच
ऽ हरा धनिया बारीक कटा-1 चम्मच
ऽ धनिया पाउडर- 1/2 चम्मच
ऽ काली मिर्च- 1/4 चम्मच
ऽ हरी मिर्च बारीक कटी हुई- 1/4 चम्मच
ऽ ड्राई फ्रूट बारीक कटे हुए
विधि-
1. डोसा बनाने के लिए- समा के चावल व साबूदाने को मिक्सी में ग्राइंड कर के एक दम बारीक कर लें, फिर उसे एक बाउल में निकाल लें और थोड़ा गुनगुना पानी डाल कर 20 मिनट छोड़ दें।
2. फिलिंग के लिए- एक कड़ाही गर्म कर उसमें आवश्यकतानुसार तेल डालें। फिर जीरा व हरी मिर्च को फ्राई करें। बाद में मैस किए हुए आलू को डालकर भूने और सारे बचे मसाले व नमक डालकर अच्छे से फ्राई करें। आखिर में ड्राई फ्रूट्स व हरी धनिया डालें।
अब डोसा बैटर में स्वादानुसार नमक डाल दें और डोसा बैटर थोड़ा गाढ़ा होने पर गुनगुना पानी मिला कर बैटर को पतला कर लें। तवा गर्म हो जाने पर, तवे पर तेल लगा कर, तेल को तवे पर एक समान फैलाएँ। डोसा बैटर को एक चम्मच से डाल कर तवे पर पतला फैलाएँ और थोड़ा लाल हो जाने पर आलू मिक्चर को ऊपर से डालें व डोसे को रौल करें एवं लाल कुरकुरा होने तक सेकें।
लीजिए तैयार हो गया आपका फलाहारी डोसा। इसे नारियल की चटनी के साथ सर्व करें और नवरात्री पर्व का आनन्द उठाएँ।
रविवार, 4 अप्रैल 2021
मूल्य जिंदगी का !
दादी से सौम्या की परेशानी देखी न गई और उन्होंने सौम्या को अपने पास बुलाया और अपनी गोद में सौम्या का सर रखा। सौम्या ने अपनी परेशानी दादी से कह दी। उसने बताया कि उसने दसवीं व बारहवीं कक्षा तो बहुत ही अच्छे नम्बर से पास कर लिया पर बी.ए. फस्ट ईयर की परीक्षा में उसे फेल होने का डर लग रहा हैै। उसने कहा कि अगर वह फेल हो गई तो वह अपनी जान दे देगी और ऐसा कहकर वह रोने लगी। दादी माँ ने उसे ऐसे परेशान कभी नहीं देखा था।
उन्होंने एक दम से कहा,‘‘तो फिर बेटा परिणाम का इन्तजार क्यूँ ? अभी दे दो अपनी जान, खतम कर दो अपनी जिन्दगी। अगर तुम्हें अपने परिणाम पर भरोसा नहीं है तो इन्तजार किस बात का ? पर क्या तुमने कभी सोचा है