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गुरुवार, 3 नवंबर 2016

मेरी रसोई से-3

हम सभी को इन दिनों छुट्टियाँ मिली होंगी और इन दिनों घर पर बहुत सारे स्नैक्स बनाये जा रहे होंगे। कभी समोसे, तो कभी पकौड़ी या फिर फ्रेंच -फ्राइज़ और ना जाने क्या -क्या ? पर ऐसे खाने के लिए, इसके साथी मिस चटनी की भी तो जरुरत होती है और रोज -रोज वही सॉस ! हमारे स्पेशल नाश्ते के स्वाद को फीका कर देता है। तो लीजिये, आपकी परेशानी को दूर कर देते हैं। यहाँ आप चटनियों को बनाने की विधि को जानिए और अपने खास रेसिपी को और खास बनाइये -

दही की चटनी -

सामग्री: 1 कप दही, 1 चम्मच कसा नारियल, 1 /2 चम्मच पिसा अदरक , हरी मिर्च और नमक स्वादानुसार। 

विधि: बिना मलाई वाली दही लेकर उसमें सभी सामग्री मिक्स करें,  सर्व करें।

शनिवार, 29 अक्टूबर 2016

दीपावली की शुभकामनाएँ Happy Diwali

Happy Diwali


'एक नई दिशा' की तरफ से आप सभी मित्रों को 
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ! 

Image-Google

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

वजूद

Wajood in Hindi

रात को मैं और मेरे पति टीवी देख रहें थे ,जिसमें मुस्लिम महिलाओं के विचार और अकारण ही पुरुषों द्वारा दिए जाने वाले तलाक के विषय पर गम्भीर चर्चा चल रही थी। रिमोट मेरे हाथों में था। चूँकि मुझे न्यूज़ व राजनीतिक खबरों का ज्यादा शौक नहीं है, तो मैंने अपने पसंद के मुताबिक चैनल बदल लिया। अपने पति के कहने के बाद, ना चाहते हुए, दुबारा न्यूज़ चैनल  लगा दिया ,फिर किचन में काम करने चली गई। मेरे कानों में ख़बरों की आवाज आ रही थी। मैंने देखा, तब जाकर मुझे अहसास हुआ क़ि हमारे भारत देश की मुस्लिम धर्म की महिलाएँ जीवन भर कैसी मनोदशा से  गुजरती हैं।

ना उन्हें खुल कर जीने की आजादी है , ना पसंद के कपडे पहनने की और   सबसे कीमती जीवन जो हमारे विधाता ने हमें दी है, उसे भी मन मुताबिक जी नहीं सकती हैं। हमारे भारत वर्ष को आजाद हुए तकरीबन 70 वर्ष हो गए हैं और यहाँ पर सभी को अपना जीवन अपने तरीके से जीने का अधिकार है। महिलाओं की बात करें, तो यहाँ पर सभी महिलाओँ को  समान रूप से कानून व समाज द्वारा स्वेच्छा से अपना जीवन जीने का अधिकार है। फिर ये मुस्लिम महिलाओं के साथ क्यों भेद -भाव हो रहा है ? किसी भी धर्म में दो विवाह को करने का अधिकार नहीं दिया गया है। यदि एक पत्नी के जीवित रहते पुरुष दूसरा विवाह करता है तो कानून उसके साथ कड़क लहज़े में पेश आता है और जेल भी हो जाती है। ये मुस्लिम धर्म का कैसा न्याय है ? कैसा धर्म है ? किसी भी धर्म में किसी को कष्ट देना नहीं बताया जाता है।