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शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

सुकून

Sukoon in Hindi

ये तो हम सभी जानते हैं कि जीवन मुश्किलों का घर है। अगर हम इस सच्चाई से अनभिज्ञ रहें तो जीवन कितना आसान लगता है ! और यदि हम इस सच्चाई से परिचित हो जाते हैं ,तो हमारा जीवन जीना  बहुत मुश्किल हो जाता है। हमारी मनोदशा भी ऐसी हो जाती है कि मानो  सारी मुसीबतों का पहाड़ हम पर ही  टूट पड़ा है और हम इससे शायद कभी उबर ही नहीं पाएंगे। मैंने पहले भी इस प्रकार की चर्चा अपने नन्हे से पोस्ट में की थी। आपको शायद याद  भी होगा ,जो बाबा युवक को अपने सर पर पत्थर रख  कर चलने को कहते हैं। क्यों याद आया ? पर इस बार मैं आपके लिए कुछ अलग लाई हूँ। 

मैं जानती हूँ कि सभी के जीवन में कोई - न -कोई अपनी परेशानी होती है। कभी हम इसे चुटकियों में दूर कर लेते हैं , तो कभी यह हमारे सामर्थ्य से बाहर  की होती हैं।  बहुत से ऐसे भी मित्र होंगे, जो छोटी -छोटी परेशानियों से बाहर ही नहीं आ पाते हैं और इन परेशानियों के घेरे में उदास और परेशान होकर अपने जीवन को जीते जाते हैं। ये तो 16 आने सच्ची बात है कि परेशानी ना तो कभी बता कर आती है और ना ही हमारे पसन्द के मुताबिक ही होती है। और इन परेशानियों से कौन दोस्ती करना चाहेगा ? कोई भी नहीं ! क्योकि, भाई ! जिसे दोस्त बनाओगे, वो तो आपसे मिलने हर दूसरे रोज आया जाया करेगा। पर हम दूसरों की परेशानियों से दोस्ती कर लें तो ! क्या ख्याल है आपका ?  यदि हम किसी की परेशानियों को  समझकर,हमसे जो बन पड़े, अपने सामर्थ्य के अनुसार उसकी मदद करें तो क्या बुराई है ? आइये, हम सभी एक अनोखे मददगार के बारे में जाने। 

सोमवार, 10 अक्टूबर 2016

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

छाँव की आस

Chhav ki Aas in Hindi

हम सभी अपने जीवन में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं।  हमारे पास जरा सा भी समय नहीं है कि हम अपने बारे में सोचें, अपनी खुशी को जिए , और जब जीवन के आखिरी समय  में  इस भाग-दौड़ में ठहराव आता है तो हमें उसे जीने की, शरीर में  ना तो शक्ति होती है और ना ही सामर्थ्य। अब ऐसे ठहराव का क्या अर्थ है ?  अगर जीवन में  यही ठहराव, जीवन के बीच में आ जाये तो ? आइये, मैं आज आपको एक ऐसी महिला से मिलवाती हूँ।

रिया एक सामान्य घर की खुले विचार वाली पढ़ी लिखी महिला थी। उसकी शादी को तीन वर्ष हो गए थे। घर में सास -ससुर, पति और 2 वर्ष के बेटे सहित उसका  खुशियों भरा संसार था। पर ना जाने ईश्वर को क्या मंजूर था ? एक  वक्त की आंधी ने रिया के खुशियों के घरौंदे को बिखेर कर रख दिया। जब उसे यह पता चला कि एक्सीडेंट में उसके पति की मौत हो गई तो परिवार की जिम्मेदारी अब रिया के कंधे पर आ गई थी। उसने अपने पति के ऑफिस में जॉब के लिए अप्लाई किया। शिक्षित होने की वजह से रिया को जॉब मिल गई। कुछ ही दिनों में रिया ने अपने जिम्मेदारियों को अच्छे से संभाल लिया।