रिश्ते की डोर बहुत नाजुक होती है, जिसको बहुत संभाल कर रखना चाहिए। जिस प्रकार आकाश में उड़ती पतंग की डोर को अधिक ढीला छोड़ दिया जाय, तो वो उड़ने की बजाय जमीन पर गिरने लगेगी और जोर से खीचने पर डोर टूट जाएगी। उसी प्रकार रिश्तों के साथ भी जबरदस्ती की जाती है, तो उसके टूटने का डर रहता है, और यदि उसका ध्यान ना रखा जाय तो रिश्ते तनाव ग्रस्त होने लगतें हैं। रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण होतें हैं। यदि हमारें रिश्ते मधुर है तो हम जिंदगी का पूरा मज़ा उठा सकतें है और उनमें अगर कड़वाहट आ जाये तो यह हमारा जीवन जीना मुश्किल कर देता है।
आज कल ऑफिस और परिवार के बीच ताल मेल बैठाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। जब हम छोटी -छोटी बातों के लिए सही गलत के झगड़े करते हैं, तो उन्हें सुलझाना कठिन हो जाता है। एक दूसरे के विचारों को भी ना समझ पाना रिश्तों में दूरियों की वजह बन जाता है। इस लिए यह जरुरी है कि दूसरें व्यक्तियों के विचारों को भी महत्व दिया जाय। उन्हें भी सुना व समझा जाय। इसी से रिश्तों में बढ़ रहीं दूरियों को कम किया जा सकता है। हमेशा हमें ये याद रखना चाहिए कि हमारे अपनों के रिश्ते अपनेपन और प्यार से संवरते हैं , न कि जबरदस्ती से। हमें रिश्तों को सँवारने के लिए सामने वाले की गलतियों को माफ़ सीखना होगा और यदि खुद से गलती हो जाती है तो माफ़ी मांगने में शर्म भी महसूस नहीं होनी चाहिये। अक्सर देखा गया है ,जो लोग शक्तिशाली होते हैं वह कम शक्ति वाले लोगों पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहते हैं।हमें सभी की भावनाओं को समझना चाहिए व उनकी कद्र करनी चाहिए।