आजकल महंगाई की वजह से हर कोई परेशान है, चाहे वो किसी भी आय- वर्ग का क्यों ना हो। हर आय-वर्ग के परिवार का मुखिया परिवार के दायित्वों को अच्छी तरह निभाने के लिए दिन रात लगा हुआ है। वो सदस्यों की जरूरतों को पूरी करते -करते परेशान हो जाता है। जरा सोचिये ! जिन घरों का चूल्हा रोज की कमाई से जलता हो तो इस बढ़ती महंगाई ने उन लोगों पर क्या प्रभाव डाला होगा ? गरीब घरों की अशिक्षित महिलायें अपने घरों को चलाने के लिए दूसरों के घरों का काम -काज करने के लिए कितनी मजबूर हो जाती हैं ?
हमारे हेल्पर, जिनको हम अपने आराम के खातिर उनको काम करने के लिए रखते हैं, वो कैसे अपने घर का काम और साथ में हमारे जैसे ना जाने कितने घरों का काम करती हैं। वो इतना काम कैसे कर पाती हैं, सोच कर आश्चर्य होता है ! मेरे घर में भी एक हेल्पर आती हैं। अपने पति के देहान्त हो जाने के बाद बच्चों के पालन -पोषण की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने के लिए मज़बूरी वश ये काम करतीं हैं । कभी-कभी मैं ये सोचती हूँ कि कितना कठिन काम है उनका ? वो कार्य जो हमारे खुद के घर के होते हैं , हमें उनको करने में कठिनाई होती है। और हम अपने हेल्परों को वो सारे काम चंद रूपये देकर अधिकारपूर्वक करवाते हैं।