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बुधवार, 26 अप्रैल 2023

जीवंतता

JEEVANTATA IN HINDI - EK NAI DISHA 2023

ऐसा हमारे साथ अक्सर होता है  कि हम  सामने वाले की कही बातों को मन से लगा लेते हैं और वो बातें हमारे मन पर इस प्रकार हावी  हो जाती हैं कि उनसे बाहर निकल पाना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। मैंने भी अपनी इसी कमजोरी के कारण न जाने कितने वर्षों तक खुद से संघर्ष किया है मगर आज मैं  लोगों के विचारों से खुद के मन को आहत नहीं होने देती हूँ।

जब भी कोई ऐसे  व्यक्ति का विचार जो मेरे मन को दुखी करता है तो मैं  स्वतः ही उससे बाहर  निकलने का प्रयास करती हूँ और मैं उसमे कामयाब भी हो जाती हूँ। सच मानिये मेरे पास ऐसा कोई भी नहीं है, जिसके साथ मैं  अपनी परेशानियों को बाँट  सकूँ। मगर मैंने जीवन से सीखा  है कि जब भी बुरे विचार  हावी हो तो उनको तुरंत मन से झटक देना चाहिए और नकारात्मक विचार वाले लोगों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। ऐसा सभी  के साथ होता होगा। जब हमें कोई दिल को चुभने वाली बात कहता है तो हमारा मन  उदास हो जाता है।

हम दिन रात बस इसी सोच में डूबे रहते है कि उसने  ऐसा क्यों कहा ? उसने  वैसा  क्यों कहा ? पर मेरे प्यारे दोस्तों ! हम किसी की जुबान व सोच पर तो लगाम नहीं लगा  सकते हैं पर उन विचारों से खुद के  मन को दुखी होने से जरूर बचा  सकते हैं। क्या आप इस बात को समझते है कि जो व्यक्ति अपनी बातों से आपको दुःख पहुंचता है, उसकी नीयत  ही आपकी  मुस्कराहट को छीनना है।
 

तो आज से अपने आप से एक वादा करिये कि हमेशा मुस्कुराते रहेंगे और अपनी सोच को सकारात्मक सोच में परिवर्तित करने की कोशिश करेंगे। फिर देखिये कैसे मुस्कुराती है आपकी जिंदगी। मुस्कुराते चेहरे खुद खूबसूरत लगते हैं, हमें ऐसा निखार किसी ब्यूटी प्रोडक्ट के इस्तेमाल  से भी नहीं मिलेगा। हमारी दिल की ख़ुशी  अपने आपमें ही सम्पूर्ण ब्यूटी ट्रीटमेंट है, जो  हमारे स्वास्थ्य  और खूबसूरती को और निखारता  है।

एक मेढ़क की कहानी आपके साथ शेयर  करना चाहती हूँ, जिससे आपको मेरी बात स्वतः ही समझ आ जाएगी। बहुत सारे  मेंढक बारिश में टर -टर कर रहे थे और सभी बारिश से बचने के लिए एक टीले पर  चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। पर बारिश और मिट्टी की फिसलन की वजह से कोई भी मेंढक उस टीले  पर चढ़ नहीं पा रहा था। तभी एक नन्हा मेंढक टीले  पर चढ़ने का प्रयास करने लगा, फिर  पीछे से सारे  मेंढक चिल्लाने लगे कि नहीं कर  पाओगे , तुमसे नहीं होगा,  मुंह के बल गिरोगे वगैरा -वगैरा। फिर भी वो मेंढक उस टीले  पर चढ़ने में कामयाब  हो जाता है। पता है क्यों  ? क्योकि वो मेंढक बहरा होता है और उसको लगता है की सभी उसका  हौसला-अफजाई कर रहे हैं।

यही वास्तविकता है जीवन की। जब हम किसी कार्य को करते हैं तो कुछ ऐसे लोग हमें रास्ते  में मिलते है जो हमें डराते  हैं कि हम उस कार्य को नहीं कर सकते और हम उस  कार्य को करना छोड़ भी देते है। मगर ये सही नहीं है। अगर हमें अपने कार्यों में सफलता चाहिए  तो  हमें भी उन सारे नकारात्मक विचारों के प्रति बहरा बनना  होगा तभी हम सफलता की उन ऊंचाइयों  पर पहुंच पाएंगे, जिसके  लिए हम पूरी तरह से योग्य है।

Image-Google 

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