आज मैं लाॅक-डाउन के बारे में आप सभी से अपनी कुछ बातें शेयर करना चाहती हूँ , वैसे तो कहने को दो शब्द ही हैं, पर इस छोटेे से दो शब्दों ने हमारी पूरी जिन्दगी को हिलाकर रख दिया और हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि हम सभी अपने परिवार की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं, उनकी भावनाओं को नजर-अंदाज कर रहे हैं।
इस लाॅक-डाउन को हम सभी नें पूरे दिल से स्वीकारा व हमारे देश में इस महामारी को रोकने में, जहाँ तक हो सका, हम सभी का प्रयास सराहनीय रहा। पर इस कोरोना काल ने हमें एक शिक्षा जरुर दी- अपने और परायों की, जो हमारे अपने थे, उन्होंने अपने साथ-साथ हमारे जीवन का भी ख्याल रखा। सामाजिक दूरी बना कर कुछ अनुभव कड़वे रहे और कुछ अनुभव मीठे। जाने-अनजाने उन पति देवों को सबक मिला, जो महीने में एक बार घुमाने का प्रोग्राम बना कर कैंसिल कर देते और कहते कि घर में रहो, क्या परेशानी है ? उनको हम महिलाओं का दर्द पता चला कि हम कैसे 24 घंटे बिना सैलरी के काम करते हैं और होठों पर मुस्कान लाते हैं।
वो बुजुर्ग माता-पिता जिनको अपने बच्चों के साथ एक पल भी सुकून से चाय पीने का मौका नहीं मिलता था, वो सारे ख्वाब कोरोना-देव ने पूरा कर दिया। वो जिनको अपने घर आने का वक्त नहीं था, वो अपने घर आने को तरसे और उनको यह बात अच्छी तरह से समझ में आई कि घर तो घर ही होता है- ऐसा सुकून और सुरक्षा, और कहाँ !
पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस महामारी को हल्के में लिया और उन्हें अपनी जान गवाँकर इसका हरजाना भरना पड़ा। क्या किसी के जान की कीमत इतनी सस्ती है ? पर ये हमारे हाथ में है कि हम अपने आपको और अपने परिवार को सुरक्षित रखकर इस महामारी से अपने देश को बचायें।
पर अब जबकि लाॅक-डाउन हट गया है, पर सोचने वाली बात यह है कि क्या हम सभी इस कोरोना से मुक्त हो गये हैं ? क्या अब हम खुली हवा में खुल कर साँस ले सकते हैं ? शायद नहीं। अब लोगों के दिलों से डर निकल गया है और लोग कोरोना जैसी महामारी को हल्के में ले रहे हैं, बिना सामाजिक दूरी बनाये और बिना मास्क की सुरक्षा के बेधड़क घूम रहे हैं। क्या इसमें सरकार का दोष है कि सरकार ने लाॅक-डाउन रुपी सारे बंधन अब हटा लिये हैं ? सरकार का इसमें क्या दोष है ? और सरकार कर भी क्या सकती है ? आखिर अर्थ-व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने के लिए लाॅक-डाउन को तो खत्म करना ही था। अब हमें अपना और अपने परिवार का ख्याल खुद ही रखना होगा।
मैं इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी से गुजारिश करना चाहती हूँ कि प्लीज आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें, अपने देश को इस महामारी से बचायें। क्योंकि जान है तो जहान है और देश है तो हम हैं।
जय हिन्द, जय भारत।
Image:Google
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