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रविवार, 17 जुलाई 2016

मेरी रसोई से-2

ॐ नमः शिवाय


अब सावन का महीना आ गया है। इस माह में हम भोले नाथ की पूजा अर्चना करते हैं। भगवान शिव को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। सावन के  महीने में जो भी  उनकी पूजा अर्चना करता है, उसकी सारी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं। भगवान भोले नाथ  सिर्फ एक बूंद  जल से प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी महिमा  अपार है। इस महीने पूजा और व्रत हम सभी करते हैं तो क्यों ना आज कुछ व्रत के व्यंजनों  की बात जाय --


फलहारी दही वड़े -

सामग्री -आधा कप पनीर ,
             एक कप सिंघाड़े का आटा ,
             एक कप उबले मैश आलू ,
             एक चम्मच अदरक  पिसा हुआ ,
             दरदरे पिसे हुए काजू के कुछ पीस ,
             एक बारीक़ कटी हुई हरी मिर्च ,
             2 कप फेटा दही ,
             सेंधा नमक ,
             शक़्कर ,
             जीरा पाउडर ,
             अनारदाने  अंदाज से ,
             तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में घी।


विधि -सबसे पहले पनीर को कद्दूकस करके, इसमें आलू ,काजू ,किशमिश ,हरी मिर्च ,अदरक व सेंधा नमक मिला लें। मिश्रण के छोटे -छोटे गोले बना लें। अब सिंघाड़े के आटे का घोल बना लें। बड़ों को इस घोल में डुबोकर गर्मा गरम घी में सुनहरा तल लें। दही में शक़्कर मिला लें ,अब एक प्लेट में भल्ला परोस कर दही ,जीरा पाउडर ,व अनार दाने से सजाकर पेश करें।


सिघाड़े से बने लड्डू -

सामग्री -200 ग्राम सिघाड़े का आटा ,
             100  ग्राम कुट्टू का आटा ,
             300  ग्राम शक़्कर ,
             200  ग्राम देशी घी ,
             पीसी हुई इलाइची ,
             गरी के छोटे टुकड़े ,
             काजू बादाम।


विधि -सबसे पहले सिघाड़े व कुट्टू के आटे को धीमी आंच पर घी डालकर सेंक लें। खुशबू आने लगे तो पीसी शक़्कर मिला दे।इलाइची, गरी ,काजू बादाम भी मिला दें। गरम - गरम ही लड्डू बन लें। नहीं बंधने पर थोड़ा घी और मिला दें ,फिर लड्डू बनाएं।  लड्डू तैयार है।  

7 टिप्‍पणियां:

  1. व्रत के फलाहार की रेसिपी के लिए, रश्मि जी, आपका धन्यवाद..व्रतके दिनों मे मैं इस बार इन सभी को ट्राइ करूँगी.

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  2. उत्तर
    1. भास्कर जी, किचन में ट्राइ करते रहिए, जल्दी ही आपको अगले रेसिपी मिलेगी..धन्यवाद

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  3. हमेशा से मेरे घर की रसोई में माँ, बुआ, दादी, एवं चाचियों का ही एकाधिकार रहा है, लेकिन आपकी इस रेसिपी ने मुझे भी किचन में एक कोना अपने लिए सहेजने के लिए लालायित कर दिया है। हम भी कुछ बनाकर अपने घर की आदरणीया महिलाओं को खिलाएंगे।

    मृत्युंजय
    www.mrityunjayshrivastava.com

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    उत्तर
    1. किशोर जी ,अपनों के लिए कुछ करने में एक अलग ही खुशी का अहसास होता है आपके कमेंट ने मुझे मेरे परिवार की याद दिला दी जब हम सब साथ रहते थे , अपना विचार देने के लिए आपका आभार .....

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    2. किशोर जी ,अपनों के लिए कुछ करने में एक अलग ही खुशी का अहसास होता है आपके कमेंट ने मुझे मेरे परिवार की याद दिला दी जब हम सब साथ रहते थे , अपना विचार देने के लिए आपका आभार .....

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